देश प्रेम
युग युग तक यह धरा गीत तुम्हारे देश प्रेम के गाएगी,
जब तक है सृष्टि पताका तुम्हारे साहस की लहराएगी।
जब जब भारत की आजादी का जिक्र होगा,
हर शहीद को जन जन का श्रद्धा पूर्वक नमन होगा,
युगों युगों तक देशभक्त की यह गाथा दोहराई जाएगी।
भगत सिंह, असफाक,आजाद ,राजगुरु की शहादत अनगिनत जो वीर देश हितो गए समर्पित।
उन वीरों को का कर्ज कोई कुर्बानी चुकाना पाएगी।
बालपन में जिन्होंने दिए बचपन त्याग ,
भरी जवानी में जिन्होंने देश हित दी शहादत बेहिसाब ,
उन भारत के लालों को हर पीढ़ी शीश नवायेगी।
निस्वार्थ देशहित जो तज गए जीवन,
करें उन्हें स्मरण भीगते हैं नयन ,
भारत मां भी अपने वीर सपूतों पर बल बल जाएगी।
हंसकर चढ़ा दिया अपना शीश जिन् वीरों ने,
मां भारती तेरे सम्मान हित जिन शेरों ने ,
मिलकर शपथ उठाएं व्यर्थ शहीदों की कुर्बानी ना जाएगी।
अन्जू दीक्षित,
उत्तर प्रदेश।
वार्षिक प्रति
Swati chourasia
10-Feb-2022 04:05 PM
Blank hai
Reply